Sep 4, 2025

ऊंचाइयाें को छूने वाले

बादलों के संग

छोड़ कर उड़ना,

कुछ क्षणों के लिए 

जमीं पे उतर आ,

धरती मां का ले कर आशीष, 

फिर ऊंचाइयाें को छू ले।

जानता है तू,

उड़ कर बहुत देर बाद,

उतरना तो होगा,

इसी धरती माता के अंक में तुझे।

ऊंचाइयाें को छूने वाले

कभी अपनी जमीं को

नहीं भूलते। 

सीख लिया इस सीख को जिसने,

अटल लक्ष्य पर रहता है।

आगे जाकर वही अद्वितीय

महान कहलाता है।।

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