मौन रहना एक कला है
मौन अथाह सम्पदा है,
मौन सर्वोत्तम वाणी।
मौन रक्षा कवच है,
मौन रहते ज्ञानी।।
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मौन मन का विश्राम है,
मौन आत्मा का गर्व।
मौन रहना कला है,
मौन अनुशासन पर्व।।
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रहते जितनी देर मौन,
हो जाती है वह साधना।
मन को ताजगी मिल जाती,
है ये आत्म-आराधना।।
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जो मौन रहकर भोजन करता,
होता है वह दीर्घायु।
चिंता, संकट, तनाव मिटाये,
और बढ़ाये यह आयु।।
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मौन जिह्वा पर नियंत्रण रखता,
अनर्गल प्रलाप से बचाता है।
सारे अनर्थ की जड़ कलह का,
इससे नाश होता है।।
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