Aug 2, 2025

रिश्तों का खेल

बात कुछ अपनों ने कही,

मतलब समझने में देर लगी,

तब तक बात ही बदल गई,

इन रिश्तों का खेल बड़ा निराला,

पल में राई, पल में पर्वत माला,

जिसने पग पग पर साथ निभाई, 

अपना, हां अपना है वह भाई,

जिसने साथ छोड़ा, मुंह फेरा,

रिश्तों को यूं ही छोड़ा,

दूर बहुत दूर दिल से गया,

नहीं रहा कोई मोह माया,

कहते हैं अद्वितीय दुनिया वाले,

नहीं साथ छोड़ते, प्रेम करने वाले।

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