मधुर स्मृतियां
मस्तिष्क जब स्मृति की
जंग लगी सांकलों को
खड़खड़ाने लगता है----
अतीत की मधुर स्मृतियां
चन्द्रमा की ज्योत्सना समान
बिखरने लगता है।
हृदय में प्यार का झरना
झर-झर बहने लगता है।
वह स्वर आज भी
जाना पहचाना सा----
वह अगाध रूपराशि
हृदय में उतर जाता है।
जीवनपथ पर जीवन की
द्रुतगति से दौड़ती गाड़ी
स्मृतियों की चांदनी में
अद्वितीय आज भी
निखर जाया करता है।
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