मातृभूमि
जब भी गिरे हंस कर उठे,
निराशा का भाव नहीं लाता।
हंसना तो जीवन है प्यारे,
हंस कर जीना चाहता।।
मैं भारत का हूं लाडला,
भारत का मान निभाता हूं।
जो भी मेरे संग-संग चलता,
फर्ज देशप्रेम का चुकाता हूं।।
माटी के प्रेम में बलिदानी,
वीरों की बात सुनाता हूं।
मातृभूमि से प्रेम अद्वितीय,
गीत उनकी गुनगुनाता हूं।।
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