Jun 10, 2025

मातृभूमि

 मातृभूमि


जब भी गिरे हंस कर उठे,

निराशा का भाव नहीं लाता।

हंसना तो जीवन है प्यारे,

हंस कर जीना चाहता।।

मैं भारत का हूं लाडला,

भारत का मान निभाता हूं।

जो भी मेरे संग-संग चलता,

फर्ज देशप्रेम का चुकाता हूं।।

माटी के प्रेम में बलिदानी,

वीरों की बात सुनाता हूं।

मातृभूमि से प्रेम अद्वितीय,

गीत उनकी गुनगुनाता हूं।।

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