यादों में उलझा
बेचैनी और उदासी की,
बड़ी गहरी है चुभन।
आज बड़ी दूर कहीं,
डूबा है मन।
सागर सी गहरी आंखों में,
भरा है खारा जल।
हृदय में दर्द की लहरें,
कर रहा विकल।
दोपहरी धूप से भी गहरी,
हो रही तन में तपन।
आज बड़ी दूर कहीं,
डूबा है मन।
पुरानी यादों में उलझा,
मन में है रीतापन।
आओ बढ़ चलें खुशियों में
ये है अद्वितीय जीवन।।
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