May 8, 2025

यादों में उलझा

 यादों में उलझा

 

बेचैनी और उदासी की,

बड़ी गहरी है चुभन।

 आज बड़ी दूर कहीं,

डूबा है मन।


सागर सी गहरी आंखों में,

भरा है खारा जल।

हृदय में दर्द की लहरें,

कर रहा विकल।


दोपहरी धूप से भी गहरी,

हो रही तन में तपन।

आज बड़ी दूर कहीं,

डूबा है मन।


पुरानी यादों में उलझा, 

मन में है रीतापन।

आओ बढ़ चलें खुशियों में

ये है अद्वितीय जीवन।।

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