दिल है कि संभलता नहीं
आप से दूर रह कर
दिल मेरा लगता नहीं।
क्या बताऊं हाले दिल---
दिल है कि संभलता नहीं।।
मन में आप ही आप हैं
और कुछ चलता नहीं।
हो रही है बेकरारी
और कुछ लगता ही नहीं
क्या बताऊं हाले दिल---
दिल है कि संभलता नहीं।।
वक्त ने दी है दूरियाँ
जल्द मिटेगी मानता नहीं
हृदय खाली सा लगता है
और किसी को जानता नहीं
क्या बताऊं हाले दिल---
दिल है कि संभलता नहीं।।
यादों में रात बीते
दिन कटता नहीं
चंद दिन अभी बाकी है
दिल यह समझता नहीं
क्या बताऊं हाले दिल अद्वितीय ---
दिल है कि संभलता नहीं।।
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