Mar 5, 2025

 दिल है कि संभलता नहीं


आप से दूर रह कर 

दिल मेरा लगता नहीं।

क्या बताऊं हाले दिल---

दिल है कि संभलता नहीं।।


मन में आप ही आप हैं

और कुछ चलता नहीं।

हो रही है बेकरारी

और कुछ लगता ही नहीं

क्या बताऊं हाले दिल---

दिल है कि संभलता नहीं।।


वक्त ने दी है दूरियाँ

जल्द मिटेगी मानता नहीं

हृदय खाली सा लगता है

और किसी को जानता नहीं

क्या बताऊं हाले दिल---

दिल है कि संभलता नहीं।।


यादों में रात बीते

दिन कटता नहीं

चंद दिन अभी बाकी है

दिल यह समझता नहीं

क्या बताऊं हाले दिल अद्वितीय ---

दिल है कि संभलता नहीं।।

No comments:

Post a Comment