Mar 5, 2025

 जब वक्त बदलता है


जब वक्त बदलता है---तब 

समय नहीं लगता, दुनियां बदलने में।

कोई रफ्रतार नहीं, अपनी ही लय, 

गति और रंग है।

 

जीवन, मन के अनछुए कोनों के, 

अंतरों में चुपके से झांकती है, 

और मन में उतर कर, 

अपने कोमल उजाले से, 

सारे ताप, संताप, त्रस को, 

हल्के से पोंछ देती है।


जीवन में फैलते अंधेरों में 

कहीं कोई रोशनी 

अन्जाने रास्ते से होकर 

किसी कोंपल की तरह 

फूटती है और------ 

वह खुशी और आनंद के 

अद्वितीय नगमे गुनगुनाने लगती है।

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