मेरी प्रियतम
प्रेम हुआ है तुझसे, जबसे तुझको है पाया।
तब से बन गयी हो तुम, मेरी प्रियतम मेरी छाया।।
तेरा सुन्दर, सुघड़, सलोना रुप देख मैं इतराता हूं।
हर वक्त मेरे पास रहे तू, यह सोच मन में लाता हूं।।
तुझको लेकर सपने कितने, हर क्षण बुना करता हूं।
इक पल का भी वियोग सोच, सपनों में भी डर जाता हूं।।
करता हूं मैं फिक्र तुम्हारी, तुमसे ही प्रेम होता साकार।
मेरी दुनिया मेरी जन्नत, तुम ही तो हो मेरा संसार।
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