Mar 18, 2025

 तुमने तो संग छोड़ दिया


जीवन के वह पल,

जो तुम संग हमने बिताये थे।

उन मधुर घड़ियों में हम,

कैसे प्रेम से मुस्काये थे।।


वह सब अब कहां मिलेगा,

जब तुमने मुख मोड़ लिया।

मन के तार कब टूटे कैसे,

प्रीत तुमसे हमने तो जोड़ लिया।।


मेरे अंधकार भरे जीवन में,

दीप तुमने ही जलाया था।

उमंग उल्लास से भरी दुनिया,

तुमने ही दिखलाया था।।


क्यों छोड़ चले दामन मेरा,

क्यों मुख तुमने फेर लिया।

मन के तार अब जुड़ेंगे कैसे,

तुमने तो संग छोड़ दिया।।


तम-तिमिर भरी ये राहें,

अब स्वयं दूर करना होगा।

तोड़ निराशा के जाल को,

अब आगे अद्वितीय बढ़ना होगा।।

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