Mar 11, 2025

 यह जीवन बहुत बड़ा है


यहां जान-पहचान के 

कई सारे जीवन हैं। 

सभी एक दूसरों के 

जीवन से जुड़ते हैं।

 

जीवन की लड़ियां बनती हैं, 

ये लड़िया जुड़ती हैं, 

टूटती बिखरती हैं, और बिखरकर 

फिर से जुड़ने लगती हैं।

 

यह टूटना, बिखरना और जुड़ना 

चलता ही रहता है। 

इस टूटी हुई, बिखरी हुई की 

अपनी एक मार्मिक जय है।

 

हम सभी से प्रेम करते हैं। 

कोई अपना दुश्मन नहीं है। 

मगर सबका अपना काम है। 

अपनी उलझन है।

 

कभी-कभार जीवन 

मसकता, टसकता, घुटता 

और आगे बढ़ता है।

 

कुछ आधुनिक कहलाते हैं। 

नये जमाने की हवा का 

उन पर असर है। 

हवा में ही रहना चाहते हैं।

 

समय का खेल कौन जानेे

ऐसा नहीं है कि 

महानगर में कोई चमत्कार है, 

और गांव में चमत्कार नहीं है।

 

यह जीवन बहुत बड़ा है। 

हर जगह बहुत रंग हैं। 

इसमें, खुशियां हैं, दुख हैं, दोस्त हैं,

रिश्तेदार हैं, परिवार हैं। 

जो गांव नगर महानगर से अद्वितीय 

बहुत बड़ा है।

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