Jan 10, 2025

बन गये मन-मीत मेरे

 

बन गये मन-मीत मेरे

जब से मिले हो तुम मुझे,

जिन्दगी मुस्कुराने लगी है।

बन गये मन-मीत मेरे,

जिन्दगी खिलखिलाने लगी है।

बीत गये दिन मुश्किल भरे, 

सहारा तुम्हारा जो मिला   गया है।

दिल करता है गाऊं गीत प्रेम के,

मन में नशा सा छाने लगा है।।

लगा ली तुम संग प्रीत सजना,

हृदय गुनगुनाने लगा है।

अंग अंग में उमंग भरा

मन पंक्षी बन उड़ने लगा है।

जब से मिले हो तुम मुझे,

जिन्दगी मुस्कुराने लगी है।

बन गये मन-मीत मेरे,

जिन्दगी खिलखिलाने लगी है।

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