Jan 3, 2025

 

सुनहरी रेत को चूमती नीली सागर

जब हिमालय वर्फ से ढक जाती हैं, उत्तर भारत के मैदानी भागों में शीतलहर चलने लगती है और मध्य भारत का अधिकांश भाग ठंड से प्रभावित रहता है, तब दक्षिण भारत का मौसम बड़ा ही सुहावना रहता है।

ऐसे में केरल प्रदेश का कोवलम् शहर अपने नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण रहता है। यह केरल की राजधानी त्रिवेन्द्रम् या तिरुवंनतपुरम से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह दुनिया के सुन्दरतम समुद्री तटों में से एक है। यहां की सड़कों के दोनों ओर बाग-बगीचे फैले हैं, जिनमें काजू, केले, नारियल और रबड़ के हरे-भरे अनेक पेड़ पौधे दिखाई पड़ते हैं।

कोवलम अपने ऽूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। कोवलम के समुद्रीतट विश्व के सबसे दर्शनीय समुद्रीतटों में गिना जाता हैं। सुनहरी रेत को चूमती नीली सागर की लहरें देऽने के लिए दूर-दूर से पर्यटक ऽीचें चले आते हैं।

कोवलम् के सागर तट पर पहुंचते ही कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे दूर तक अरब सागर के विशाल दृश्य को देखकर आश्चर्य चकित रह जाता है।

कोवलम् के 17 किमी लंबे समुद्र तट में चट्टðानी उभारों द्वारा अलग किए गए तीन समुद्र तट हैं, तीनों मिलकर कोवलम् समुद्र तट का अर्धचंद्राकार आकार बनाते हैं। इन्हीं के बीच कोवलम् का मनोहर सागर तट फैला हुआ है।

दोनों ओर नारियल के अनेक छोटे बड़े वृक्ष तथा सुनहरी चमकती रेत फैली है। कोवलम् सागर तट की यह विशेषता है कि अप्रैल जून की तेज गर्मी के सिवाय साल के शेष महीनों में मौसम अच्छा रहता है। दूसरी बात यह है कि सागर तट पर दूर तक फैली रेत में धूल नहीं होती है। जिसके कारण नीला सागर का जल बिल्कुल निर्मल दिखता है। सैलानी सागर स्नान करने का मोह नहीं त्याग पाता है। अनेक विदेशी पर्यटक धूप स्नान करते भी नजर आते हैं।

सूर्योदय के कुछ देर बाद तटीय क्षेत्र में चहल-पहल तेज होती जाती है, सागर स्नान करने वालों और धूप सेंकने वालों का आना जाना बढ़ने लगता है।

कोवलम् तट पर सूर्यास्त का दृश्य अनूठा होता है। सूर्यास्त के समय सागर जल राशि में रंग बिरंगे परिवर्तन आरंभ हो जाते हैं। पहले सुनहरा पीला, फिर नारंगी। गगन का रंग सिंदूरी हो जाता है। डूबते हुए सूरज का प्रतिबिम्ब सागर तल दिखता है और सागर में दूर तक स्वर्ण पथ दिखाई पड़ता है। फिर धीरे-धीरे सूर्य क्षितिज से होता हुआ ओझल हो जाता है।

शाम ढल गई। फिर सागर तट की रेत पर दुकानदारों के द्वारा टेबल-कुर्सियां बिछा दी जाती हैं, जिन पर मोमबत्ती और लालटेन की रोशनी जला दी जाती है।  कोवलम् सागर तट की दायीं ओर होटल-रेस्तरां और अनेक प्रकार की छोटी-छोटी दुकानें हैं, जहां खिलौने से लेकर तौलिया, कंघे जैसे हर तरह के सामान मिल जायेंगे। शाम से लेकर देर रात तक यहां लोगों की चहल-पहल बनी रहती है।

कोवलम् में पर्यटकों के ठहरने के लिए पाँच सितारा होटल से लेकर आपकी बजट तक के होटल उपलब्ध हैं और यहाँ के होटलों और कैफेटीरिया में तो कांटीनेंटल भोजन से लेकर दक्षिण भारतीय व्यंजन तक परोसे जाते हैं।

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