मास्क और दूरी
परेशान न हो, करवट न बदल
सो जा, निंदिया को आने दे
दिल के दर्द को मिट जाने दे।।
सबने तो समझाई थी
हमने मानी नहीं
परेशानी बहुत बढ़ आयी है
कोरोना महामारी फिर से छायी है।।
हम अभी भी ढील दे रहे हैं
इसे छोटी मोटी बात समझ रहे हैं
लाखों करोड़ों को बेरोजगारी दिला गयी
कितने ही अरमानों को मिट्टी में मिला गयी।।
अनेक घरों को उजाड़ दिया इसने
पिछला पूरा वर्ष बर्बाद कर दिया इसने
नींद आंखों की आज फिर उड़ा दिया है
संकट फिर से आज बढ़ा दिया है।।
वैक्सीन दवा नहीं बचाव है प्यारे
चारों तरफ अंधकार है प्यारे
धैर्य धर कर इसके नियम मान लें
मास्क और दूरी को अपना लें।।
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