बुलंदी छूने की जिसने तारिख लिखा
रौशन किया है जिसने, अपने नाम को।
हर कोई तारिफ करेगा, उनके काम को।।
मजबूत इरादों से जिसने बढ़ना सीखा,
बुलंदी छूने की जिसने तारिख लिखा।
हर विघ्न बाधाओं से जो लड़ता हुआ,
अपने कर्म-पथ पर सदैव बढ़ता हुआ
जो चलता रहा, जो चलता रहा,
जो चलता रहा......
रौशन किया है उसने, अपने नाम को।
हर कोई तारिफ करेगा, उनके काम को।।
मुड़कर जो कभी देखा नहीं,
किया लक्ष्य को अनदेखा नहीं।
कभी छात्र बनकर विद्या लेता रहा,
कभी गुरु बनकर विद्या देता रहा
जो चलता रहा, जो चलता रहा,
जो चलता रहा................।
रौशन किया जिसने, अपने माता-पिता के नाम को।
तारिफ करेगी दुनिया, उनके काम को।।
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