Dec 21, 2018

Motivational Poem in Hindi मानव मन, नित्य कुछ नया करना चाहे


मानव मन, 

नित्य कुछ नया करना चाहे

मानव मन, 
नित्य कुछ नया करना चाहे।
हर सूर्योदय के साथ वह 
आगे बढ़ना चाहे।। 

एक तरह की जीवनचर्या से 
जब नीरसता छा जाये।
यह उसका स्वभाव है,
तब वह उब मिटाना चाहे.......

मानव मन, नित्य कुछ नया करना चाहे। 

अर्थोपार्जन में लगे लोगों की 
दिनचर्या प्रायः रूढ़ हो जाती है। 
नीरसता में मन की शक्तियां 
कुन्द हो जाती हैं। 
तब वह उब मिटाना चाहे......

मानव मन, नित्य कुछ नया करना चाहे। 

व्यक्ति में आनन्द ही, 
उत्साह जगाता है। 
आगे बढ़ने की प्रेरणा 
वह उसे दिलाता है।
इसी आनन्द का जब वह उपार्जन चाहे....

मानव मन, नित्य कुछ नया करना चाहे।  

आनन्द के उपार्जन के लिए
उत्सवों का सूत्रपात किया। 
प्रतिदिन कुछ नया हो इसीलिए 
उत्सवों में विविधता का विकास किया।
प्रकृति के साथ जब वह समरस होना चाहे..........

मानव मन, नित्य कुछ नया करना चाहे।
हर सूर्योदय के साथ अद्वितीय आगे बढ़ना चाहे।।
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