बहार से भी खूबसूरत
बहार से भी खूबसूरत,
है मौसम
सफलता का।
आंखें भव्य रंग-बिरंगे
उम्मीदों को पाकर
रंगों की नवीन विरासत में
तब्दील हो जाता है।
तब रंगों का सभ्याचार
शोखियों में बदल कर मानो
स्वर्ण युग में आ जाता है।
आंखों कीं रंगीली, छबीली,
नशीली रंग से
रूह भी आनंदित हो जाती है।
तब महसूस होता है
जैसे कुदरत ने
समस्त अद्वितीय सुन्दरता
हमारे लिए रख दी हो।
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