Nov 17, 2018

Motivational Poem In Hindi अद्वितीय रूप


अद्वितीय रूप

शाम का डूब रहा सूर्य
मद्धम मंथन लौ से
परिपूर्ण होकर 
जब रंग बिरंगे वृक्षों की 
रंगीन शाखाओं में 
लुप्त होने लगता है 
तब............... 

अलौकिकता की प्रभुसत्ता से 
धरती की गोदी में 
व्यापक भव्यता, मानवता 
और सांझीवालता का 
संदेश गुंजता है।

गोधूली बेला में
अस्त हो रहा सूर्य
जब आसमां के पीछे छुप कर 
धरती की मिट्टी सा 
सोने के रंग की किरणें 
बिखेरते हैं तब.....

कुदरत का यह रंग 
हमारी धर्मभूमि, कर्मभूमि, 
और पुण्यभूमि को 
स्वर्ग का अद्वितीय रूप देकर 
मानवता के लिए 
अविस्मरणीय बना देती है।
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