Motivational Poem In Hindi
चाहे-अनचाहे बंधन
भावुकता और
भावनाओं की कीमत,
भविष्य को
अनदेखा करके,
वर्तमान से,
नहीं चुकाई जा सकती।
पता नहीं जीवन में,
कौन सा पल,
बीते हुए कल का
परिणाम लेकर प्रकट
हो जाये।।
कौन किसका रास्ता देखता है,
बस भागती हुई जिन्दगी के साथ
कहीं जुड़ने का एक भ्रम सा
हम बांध लेते हैं।
पर जहां कहीं भी जिन्दगी
टूटती या रुकती-सी
महसूस होती है,
वहीं हमारा भ्रम
टूटने लगता है।।
और फिर न जाने
कितने जाने-अनजाने,
चाहे-अनचाहे बंधन
अपनी बाहें फैला देते हैं।
हमें अपनी
आगोश में लेकर
अपनी अद्वितीय चाहत को
पूरी करने के लिए।।
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