दोहे
मन के भाव खिल जायेंगे
गूंजा है एक शोर, नव-युग का हो रहा है भोर।
नव निर्माण होगा, चला है युवाओं का जोर।।
मन के भाव खिल जायेंगे
गूंजा है एक शोर, नव-युग का हो रहा है भोर।
नव निर्माण होगा, चला है युवाओं का जोर।।
गुन-गुनायेंगे गीत नया, होगा संगीत नया।
कदम से कदम मिलेगा, बांहों में जोश भरेगा।।
निराशा के संचार को, निज करनी से देंगे मात।
विजयी होंगे हम, दूर भागेगी तिमिर व रात।।
करेंगे कुछ नवल, मन के भाव खिल जायेंगे।
उत्साह भर जायेगा, उल्लास फैल जायेगा।।
अंधकार ढल जायेगा, आलोक बिखर जायेगा।
होगी नई उम्मीद, सारा लोक निखर जायेगा।।
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