Poem in Hindi
प्रेम भरे रिश्तों से
शून्य से शिखर तक
गांव से नगर तक
सफर जीवन का बढ़ता गया
दूरियां अपनों से
प्रेम भरे रिश्तों से
संबंध जीवन का छूटता गया
दिन बीतता रहा
मंजिलें जीतता रहा
जीवन से मुस्कुराहट सिमटता गया
जीवन बदलता गया
अपनों से भी कटता गया
तकनीक के माध्यम से अपनापन दिखाता गया
भावनायें मिटती रही
संवेदनायें घटती रही
सब पाकर भी सुकून जीवन से दूर होती गयी
नयी बातें, नये रास्ते उन्हीं में खोता गया
शून्य से शिखर तक
गांव से नगर तक
सफर जीवन का बढ़ता गया
दूरियां अपनों से
प्रेम भरे रिश्तों से
संबंध जीवन का छूटता गया
दिन बीतता रहा
मंजिलें जीतता रहा
जीवन से मुस्कुराहट सिमटता गया
जीवन बदलता गया
अपनों से भी कटता गया
तकनीक के माध्यम से अपनापन दिखाता गया
भावनायें मिटती रही
संवेदनायें घटती रही
सब पाकर भी सुकून जीवन से दूर होती गयी
नयी बातें, नये रास्ते उन्हीं में खोता गया
युवक से वृद्ध की ओर
सफर जीवन का बढ़ता गया
शून्य से शिखर तक
गांव से नगर तक
अपनों से अकेलेपन तक
सफर जीवन का बढ़ता गया
सफर जीवन का.......बढ़ता गया
सफर जीवन का बढ़ता गया
शून्य से शिखर तक
गांव से नगर तक
अपनों से अकेलेपन तक
सफर जीवन का बढ़ता गया
सफर जीवन का.......बढ़ता गया
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