Mar 31, 2018

Poem in Hindi प्रेम भरे रिश्तों से



Poem in Hindi 
प्रेम भरे रिश्तों से

शून्य से शिखर तक
गांव से नगर तक
सफर जीवन का बढ़ता गया

दूरियां अपनों से
प्रेम भरे रिश्तों से
संबंध जीवन का छूटता गया

दिन बीतता रहा
मंजिलें जीतता रहा
जीवन से मुस्कुराहट सिमटता गया

जीवन बदलता गया
अपनों से भी कटता गया
तकनीक के माध्यम से अपनापन दिखाता गया

भावनायें मिटती रही
संवेदनायें घटती रही
सब पाकर भी सुकून जीवन से दूर होती गयी

नयी बातें, नये रास्ते उन्हीं में खोता गया
युवक से वृद्ध  की ओर 
सफर जीवन का बढ़ता गया

शून्य से शिखर तक
गांव से नगर तक
अपनों से अकेलेपन तक
सफर जीवन का बढ़ता गया
सफर जीवन का.......बढ़ता गया
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