Motivational Story & Poem
निराशा विष है उससे बचें
चिन्ता, तनाव और निराशा को नष्ट करने का सही समय सिर्फ
एक ही है और वह है अभी, इसी समय।
जो लोग इसका बोझ जीवन भर
ढोते हैं, उनका स्वास्थ्य नष्ट हो जाता
है, हृदय की धड़कन बढ़ जाती है,
डायबिटीज जैसे रोग हो जाते हैं, दृष्टि धुंधली पड़ जाती है, अपच हर समय रहता है और शरीर में खून की कमी हो
जाती है। आदमी का मूल व्यक्तित्व विखण्डित हो जाता है। घबराहट उसका कभी पीछा नहीं
छोड़ती। आर्थाइटिस, ब्लड प्रेशर,
हृदय रोग तथा अल्सर भी हो सकते हैं। शरीर की
कोशिकाओं, उत्तकों और अन्य अंगों पर
भी इसका हानिकारक प्रभाव देखा जाता है।
चिन्ता आज ही दूर करें
1. आज का काम कल पर टालने से
समस्याएं कभी दूर नहीं होतीं। आज का काम आज ही निपटा दिया जाये। सूरज के डूबने के
साथ ही आज की समस्याओं को भी विदा कर देना उचित है। सूरज के डूबने तक ही आज का दिन
है। अगला दिन नया होगा, नयी आशा और
उल्लास से भरपूर।
2. हमारा आचरण और विचार
सकारात्मक होना आवश्यक है। बुरे का विचार मन में रखना ही चिन्ता को निमंत्रण देना
है। यदि अच्छा पाना है तो अच्छा ही सोचना होगा क्योंकि हम जैसा सोचते हैं वैसे ही
हो जाते हैं। बार-बार दोहरायें कि अब कोई चिन्ता, तनाव व निराशा शेष नहीं है, ईश्वर की सहायता से सभी का समूल नाश कर दिया है या हो
जायेगा।
3. उन लोगों को साथ नहीं
रखें जो नकारात्मक बातें कहते और करते हैं। कभी यह न सोचें कि आज का दिन खराब
बीतेगा। इसके बजाय हमेशा ऐसा विचार करें कि ईश्वर की कृपा से आज का दिन बहुत बढ़िया
होगा।
4. संदेह, संशय और अनास्था को भगाएं। जो संदेह, संशय, अविश्वास और अनास्था की बात करे उन से दूरी बरतें। मन में रत्ती भर भी संदेह न
रखें।
5. आशावादी बनें और निराशा
का साथ सदा के लिए छोड़ दें। क्योंकि निराशा विष है उससे बचें।
अगर हमें अपने आप में
विश्वास है तो कोई भी सफलता हमसे दूर नहीं। हमारी जिन्दगी हमारे हाथ में है। हम
चाहें तो इसे नरक में बदल दें या स्वर्ग सा सुन्दर बना लें।
पैदा करना है मन में
निराशा क्षण में दूर हो
जायेगा
एक दृढ़ संकल्प लेना
ही तो है हृदय में
आशा चारों ओर बिखर जायेगा
जीवन नौका भी तुम्हारा होगा
पतवार भी तुम्हारा
मांझी बन कर स्वयं पार करोगे
सागर की लहरें और जीवन की
धारा
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