दीपावली पर विशेष
नन्हा सा दिया
बिजली की ज्योति,
चारों ओर
जगमग जगमग कर रही।
और कहीं-कहीं पर,
नन्हा सा दिया
टिमटिम टिमटिम कर रहा।
दिये की टिमटिम, बिजली की चमचम,
पीढ़ियों का अंतर, बतलाते हैं?
पर कुछ भी कह लो दिवाली में,
दोनों ही प्रकाश फैलाते हैं।।
एक में बाती
घी-तेल में डूब कर
दिये में मानो हवन करे।
जबकि चमचमाती
बिजली का बल्व
विज्ञान के चमत्कार का वरण करे।।
दो पल दिये की लौ को
ध्यान से देखो,
मन असीम आनंद और शांति पाता है,
तभी तो ये भगवन के पास भी
ज्योति फैलाता है।
बिजली के बल्व का
जलना-बूझना
केवल मन को भाता है।।
दिये में श्रद्धा है, विश्वास है,
दिव्य ज्योति सा इसका प्रकाश है।
मन का अंधकार दूर करें यह,
उमंग और उत्साह है।।
चलो जलाएं प्रेम से दिया,
हम सभी का साथ है।
अतःचेतना का जागरण,
इस दीवाली का आह्वान है।।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
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