चाह बने अगर चाहत
गाकर गीत जिसे, मीत मिल जाये
पाकर मीत, जीवन गीत बन जाये
वैसे मीत से मिलाना, वैसा गीत तू रचाना।
ओ साथी, वैसा गीत तू रचाना।
दुःख सुख आते हैं, यह रीत बनी रहती है
जब बजते हैं सितार, जीवन संगीत बन जाता है
ऐसे रित से सजाना, ऐसे संगीत को बजाना।
ओ साथी ऐसे संगीत कोे बजाना।
मंजिल हो कितनी भी दूर, चाह से राह मिल जाती है
चाह बने अगर चाहत, जीवन जीत बन जाता है
ऐसी चाहत को जगाना, जीवन में जीत को लाना।
ओ साथी जीवन में जीत को लाना।
पथ पर अग्रसर रहने से, साधना सफल होती है
विनम्रता, भक्ति और प्रेम से आराधना सफल होती है
गाकर गीत जिसे, मीत मिल जाये
पाकर मीत, जीवन गीत बन जाये
वैसे मीत से मिलाना, वैसा गीत तू रचाना।
ओ साथी, वैसा गीत तू रचाना।
दुःख सुख आते हैं, यह रीत बनी रहती है
जब बजते हैं सितार, जीवन संगीत बन जाता है
ऐसे रित से सजाना, ऐसे संगीत को बजाना।
ओ साथी ऐसे संगीत कोे बजाना।
मंजिल हो कितनी भी दूर, चाह से राह मिल जाती है
चाह बने अगर चाहत, जीवन जीत बन जाता है
ऐसी चाहत को जगाना, जीवन में जीत को लाना।
ओ साथी जीवन में जीत को लाना।
पथ पर अग्रसर रहने से, साधना सफल होती है
विनम्रता, भक्ति और प्रेम से आराधना सफल होती है
प्रेम को अपनाना, आराधना सफल कराना।
ओ साथी आराधना सफल कराना
ओ साथी आराधना सफल कराना
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