Sep 30, 2017

विजय दशमी के शुभ अवसर पर विशेष 'आओ प्रभु अपने जन्मभूमि पर'


विजय दशमी के शुभ अवसर पर विशेष

आओ प्रभु अपने जन्मभूमि पर 

निज मातृभूमि हित करूँ पुकार, 
आओ प्रभु, फिर लो अवतार। 

जाग उठो हे भगवन् ! धनुर्धारी बनकर 
भारत के कोटि कोटि में बल भर कर 
भारतवासी के अन्तर के कष्ट को 
दूर कर दो भगवन्, राक्षसी प्रवृतियों का नाश कर
निज मातृभूमि हित करूँ पुकार, 
आओ प्रभु, फिर लो अवतार।। 

कभी सोने की चिड़िया बन कर 
कभी गंगा जमुना सरस्वती  बनकर 
सिंचित करती थी प्रेम-करुणा की धारा बहकर
ले आओ प्रभु वही सब पालक बनकर
निज मातृभूमि हित करूँ पुकार, 
आओ प्रभु, फिर लो अवतार।

तुम हो प्रभु दीन के दाता,
असहाय के सखा, भाग्य-विधाता
आओ प्रभु श्रीराम, अपने जन्मभूमि पर
बनकर निराधार का आधार
 निज मातृभूमि हित करूँ पुकार, 
आओ प्रभु, फिर लो अवतार।।

अनगिनत प्रयास सब निष्फल होकर 
निस्संबल के संबल बन कर 
दूर कर दो भ्रष्टाचार के दंश को 
आदर्श राम-राज्य में बदल कर
निज मातृभूमि हित करूँ पुकार, 
आओ प्रभु, फिर लो अवतार। 

निज मातृभूमि हित करूँ पुकार, 
आओ प्रभु, फिर लो अवतार।।

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