बाधाएं तो जीवन का प्रतीक
हैं
जीवन एक बार
रुक भी जाए तो उसे
जगा लेने की कोशिश नहीं रूकनी चाहिये।
बाधाएं तो जीवन का प्रतीक
हैं।
जब जब ठहरे यह जीवन,
एक बार फिर सारी हिम्मत
जुटाकर
इसे पुनः जीवन देने की
कोशिश
नहीं रूकनी चाहिये।
हमारे अंदर छिपी
अनेक काबिलियतें तब तक
नजर नहीं आतीं जब तक
हम पर मुसीबत न आयी हो।
दया, प्रेम, निर्भीकता,
नेतृत्व-क्षमता जैसे
कितने ही गुण,
अनमोल योग्यताएं हमारे
भीतर हैं
जो हमारे व्यक्तित्व को
निखार कर
चार चांद लगाती है।
अपने अंदर छिपी
इन प्रतिभा, हुनर व खासियत
जैसी शक्तियों का प्रयोग
करते हुए
जीवन की बाधाओं को दूर
करना चाहिए।
जीवन एक बार
रुक भी जाए तो उसे जगा
लेने,
की कोशिश नहीं रूकनी
चाहिये।
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