नयनों
में सपने खिलेंगे
मन में
उत्साह जगा ले प्यारे
जो बीत
गया वह भूल जा..
क्यों
सूरत है बुझी-बुझी सी
क्यों
दिल है लुटा-लुटा सा
इतनी
बड़ी दुनिया पड़ी है
पंख लगा
के उड़ जा
मन में
उत्साह जगा ले प्यारे
जो बीत
गया वह भूल जा..
नयनों
में सपने खिलेंगे
हृदय
में जब उमंग होगा
सामने
अपनी मंजिल होगी
मधुर
सुहाना जीवन होगा
मन में
उत्साह जगा ले प्यारे
जो बीत
गया वह भूल जा..
आसानी
से मंजिल मिलता नहीं
बुलंदी
पर देर तक कोई रह पाता नहीं
लगन
समर्पण, संकल्प मेहनत
जीवन
में कभी हारता नहीं
मन में
उत्साह जगा ले प्यारे
जो बीत
गया वह भूल जा..
अंतर्मन
में नई उर्जा लेकर
एक बार
विश्वास जगा ले
करना है
कुछ नया नया सा
यह सोच
ही लक्ष्य बना ले
मन में
उत्साह जगा ले प्यारे
जो बीत
गया वह भूल जा
()()()()()()()()()()()
()()()()()()()
()()()()
()()
----------------
No comments:
Post a Comment