May 31, 2017

जिस समय आप परेशान, चिंतित, तनावग्रस्त हों, भोजन नहीं करना चाहिये

जिस समय आप परेशान, चिंतित, तनावग्रस्त हों, भोजन नहीं करना चाहिये


आधुनिक समय में हमारा रहन-सहन, खान-पान, जीवन के तौर-तरीकों में अत्यधिक परिवर्तन आया है। खास कर शहरी परिवारों में होटल का खाना, होटल की सब्जियां, मिर्च मसाले, कचैरी, समोसे, विविध् प्रकार के पापड़, अचार, नमकीन हमें अच्छे लगते हैं, चाहे इससे शरीर व पेट खराब क्यों न हो। 
हकीम लुकमान ने कहा है-‘इंसान जान बूझकर अपनी कब्र अपनी जीभ से खोदता है, अधिक भोजन तथा अधिक बोलने से।’
एक विद्वान् चिकित्सक ने लिखा है ‘-आप जो खाते हैं, उसका हृदय रोग या अन्य किसी रोग से कोई संबंध् नहीं है, जब तक कि अधिक खाकर मोटे नहीं हो जाते।’
यह उक्ति भी प्रचलित है ‘कम खाओ, गम खाओ और नम जाओ।’
भोजन में दही, छाछ, सलाद व हरी सब्जियां, पफलों को उपयुक्त स्थान दें।
जिस समय आप परेशान, चिंतित, क्रोधित, निराश या तनावग्रस्त हों, उस समय भोजन नहीं करना चाहिये, क्योंकि उस समय पाचन क्रिया ठीक से काम नहीं कर रही होती। ऐसे में आप भोजन नहीं खायेंगे, भोजन आपको खायेगा।
भोजन करते समय ध्यान भोजन पर रखें। हमें दिन भर चलते-फिरते, टी.वी.-कम्प्यूटर देखते हुए खाते नहीं रहना चाहिए।
हमेशा भूख लगने पर ही खाना चाहिये। थोड़ी भूख रहते खाना छोड़ दीजिये।
खाने में कभी जल्दबाजी न करें। खाने को जितना चबायेंगे उतना ही लाभदायक होगा।
रात को सोने से काफी पहले भोजन कर लें। देर से भोजन करना और भोजन के तत्काल बाद सो जाना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।
खाने में सफेद चीजें जैसे आलू, मैदा, चीनी, चावल, नमक, घी, आदि का प्रयोग सीमित मात्रा में होना चाहिये।

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