May 31, 2017

सर्वश्रेष्ठ वे होते हैं जो............................

सर्वश्रेष्ठ वे होते हैं जो............................

 सर्वश्रेष्ठ वे होते हैं जो अपने कार्य को विशेष रुचि और लगन के साथ करते हैं। उनके कार्य करने का ढंग व सूझ-बूझ और दक्षता से सभी प्रभावित हो जाते हैं।
इसलिए परिश्रमी और कर्मशील बनना तथा जो भी अवसर मिला है उसे सहर्ष स्वीकार कर पूर्ण रुपेण मन लगाकर, निष्ठापूर्वक काम करना ही उन्नति प्राप्त करने का मंत्र है।
स्वामी विवेकानंद ने कहा है, ‘भूतकाल को दफना दो। अनंत भविष्य तुम्हारे समक्ष खड़ा है। याद रखो कि हर एक शब्द, विचार और कर्म तुम्हारे भाग्य का निर्माण करते हैं।’
यदि आप सर्वोच्च पद-स्थान पर पहुंचने की इच्छा रखते हैं तो इसकी शुरुआत नीचे से करिए। यह हमेशा याद रहे कि सीढ़ियां नीचे से ऊपर की ओर जाती है।
‘बुधिमान् व्यक्ति प्राप्त होने वाले अवसरों से अधिक अवसर स्वयं निर्मित कर लेते हैं।’                                                                                                                 -फांसिस बेकन
वर्तमान का सदुपयोग ही भविष्य को उज्ज्वल बनाता है। वर्तमान का सदुपयोग तभी संभव है जब आप अभी जो भी कार्य करने जा रहे हैं उसे ही सर्वोत्कृष्ट मानें। अर्थात् जो भी कार्य को करें वह आपके द्वारा सबसे अच्छा किया गया हो।
स्वामी विवेकानंद ने कहा है,‘कोई कार्य तुच्छ नहीं होता। यदि मनपसंद कार्य मिल जाए तो मूर्ख मनुष्य भी उसे पूरा कर सकता है, किंतु बुधिमान् मनुष्य वही है जो प्रत्येक कार्य को अपने लिए रुचिकर बना लेता है।’

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