Motivational Poem in Hindi
गगन सा ऊँचा हो
Gagan sa uncha ho
गगन सा ऊँचा हो,
सागर सा गहरा हो,
जीवन के हर पहलू पर
नाम अपना हो |
उन्मुक्त गगन में
उड़ने की आजादी हो
हौसलों की उड़ान में
अपना पहचान हो
चमकता हुआ सितारा बनूँ
या सूरज सा तेज
दुनियां में निराला बनूँ
और करूँ मानवता से प्रेम
कुछ बनूँ , बन कर इतराऊँ
और फिर हवाओं से कहूँ
ले चल मुझे, अपने आगोश में भर कर
नीलगगन के पास
सूरज की किरणों के संग खेलूँगा
खेलूँगा बादलों के साथ
फिर कहूँगा सूरज देव से
अपने किरणों पर बिठा कर
करा दो धरती माता की सैर
और फिर सागर की लहरों पर उतार देना
खेलूँगा उसके संग आंखमिचौली का खेल
उसे सुनाऊंगा, और गुनगुनाऊंगा
गगन सा ऊँचा हो, सागर सा गहरा हो,
जीवन के हर पहलू पर नाम अपना हो |
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