Motivational Poem in Hindi
विजेता तुम हो
vijyeta tum ho
आज लगन लगी है मन में
कुछ कर दिखलाने को
चाहत बुलंद है अपनी
कामयाबी पाने को,
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।
विजय की ज्योत जल उठी है
मन में उमंग रचा कर
आसमां छूना चाहे हौसला
ह्रदय में उल्लास बढ़ा कर
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।
चलते-चलते राह में
कई साथी जुड़ जाएँगे
जुदा न होगी उनकी राहें
हमसे वे मिल जाएँगे,
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।
नहीं अकेला इस राह में
अब कई पथिक हैं साथ में
सभी चाहते आसमाँ छूना
बुलंदी तक साथ निभाने को,
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।
अपनी धरती अपना सागर
अपना नील गगन हो
मानवता की आशा बनना
तभी विजेता तुम हो,
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।
मानवता की आशा बनना, तभी विजेता तुम हो॥
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