Nov 12, 2016

Motivational Poem in Hind i- विजेता तुम हो - vijyeta tum ho



Motivational Poem in Hindi
विजेता तुम हो 
vijyeta tum ho

आज लगन लगी है मन में 
कुछ कर दिखलाने को 
चाहत बुलंद है अपनी 
कामयाबी पाने को,
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।

विजय की ज्योत जल उठी है 
मन में उमंग रचा कर 
आसमां छूना चाहे हौसला 
ह्रदय में उल्लास बढ़ा कर
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।

चलते-चलते राह में 
कई साथी जुड़ जाएँगे
जुदा न होगी उनकी राहें 
हमसे वे मिल जाएँगे,
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।

नहीं अकेला इस राह में 
अब कई पथिक हैं साथ में
सभी चाहते आसमाँ छूना 

बुलंदी तक साथ निभाने को,
 आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।

अपनी धरती अपना सागर 
अपना नील गगन हो 
मानवता की आशा बनना 
तभी विजेता तुम हो,
आज लगन लगी है मन में, कुछ कर दिखलाने को।
मानवता की आशा बनना, तभी विजेता तुम हो॥ 

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