Aug 18, 2016

Special Poem Raksha Bandhan - आरती - Aarti

Special Poem 

Raksha Bandhan

आरती 

Aarti


रिश्तों में प्रेम यहाँ, यह है भारत की संस्कृति 
रक्षा बंधन पर कर रही, बहन भाई की आरती

बहुत कम समय का साथ, पर जीवन भर स्नेह जताती
भाई का मान होती है बहन, यह कहती है भारती

भिन्न भिन्न भाषा, बोली अनेक, फिर भी एकता रहती
रिश्तों में प्रेम यहाँ, यह है भारत की संस्कृति। 




उत्तर में ताज हिमालय का, सबको यह हर्षाती
दक्षिण में सागर की लहरें, रामकथा की याद कराती

जन-गण-मन से गूँजता है, धरती भारत माता की।
रिश्तों में प्रेम यहाँ, यह है भारत की संस्कृति।। 

देश की चारों दिशाओं में, स्नेह की धारा है बहती
वंदे-मातरम की यहाँ, जयजयकार होती

मातृभूमि को सीस झुकाकर, करते हैं हम आरती  
रिश्तों में प्रेम यहाँ, यह है भारत की संस्कृति॥।  

रक्षा बंधन पर कर रही, बहन भाई की आरती
रिश्तों में प्रेम यहाँ, यह है भारत की संस्कृति। 
        


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