Motivational Poem in Hindi
जीवन उसने जीया क्या ?
jivan usney jiya kya?
जीवन में रित भी है, प्रीत भी है
हार भी है, जीत भी है
हार गए तो टूटना क्या
घुट-घुटकर जीना क्या
ऐसा किसी ने किया अगर
जीवन उसने जिया क्या ?
जीवन में हार भी है, जीत भी है।
रित भी है प्रीत भी है, इसके बिना जीना क्यों ?
हार गए तो डरें क्यों
झर-झर आँसू बहे क्यों
निराशा में डुबे क्यों
उठो, जीत कर ही आना है
जीवन में हार भी है, जीत भी है।।
रित भी है प्रीत भी है, लक्ष्य बिना जीना क्या ?
जीत गए तो रुकना क्या
रुक गए तो जीतना क्या
जीत कर आगे, और आगे बढ़ना
विश्व ध्येय को पूरा करना
जीवन में हार भी है, जीत भी है
लक्ष्य बिना क्या जीना, संकल्प बिना क्या करना।
अपनी जीत का पताका
विश्व भर में लहराना
रुक गया हो हार कर कोई
उसे भी आगे बढ़ाना
तब हार से जीत का, मानवों के प्रीत का
यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा ॥
तब नहीं होगा कोई भी, हार कर टूटा हुआ
तब नहीं होगा कोई भी, जीत कर रुका हुआ
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