Janmashtami Special
Poem In Hindi
श्याम विराजे मन है पुलकित
shyam viraje man hai pulkit
कर लो आज दीप आलोकित
श्याम विराजे मन है पुलकित
आओ आज उत्सव मनायें
घनश्याम हमारे घर को आये
लेकर उनसे ज्ञान गीता का
विश्व के सारे वैर भुलायें
कर लो आज दीप आलोकित
श्याम विराजे मन है पुलकित
पवन प्रेम के रूप हैं गिरधर
प्रीत का राग बांसुरी सुनाये
मक्खन, गोपियाँ, माँ यशोदा के किस्से
चलो आज नन्दलाल से सुन आयें
कर लो आज दीप आलोकित
श्याम विराजे मन है पुलकित
श्री कृष्ण हुए अवतरित धरती पर
मानव जीवन के हर पल को समझाये
प्रीत की उच्च भावना शिखर पर
श्री राधा-कृष्ण की रित सजाये
कर लो आज दीप आलोकित
श्याम विराजे मन है पुलकित ॥
No comments:
Post a Comment