Motivational Poem in Hindi
सृजन भरा संसार हो
Srijan bhara sansar Ho
कपट भरी तृष्णाओं से हट कर
मानवता की ऊंचाइयों को छूना
अपना यही संसार हो, अपना यही विचार हो
अपनेपन से प्यार हो, सृजन भरा संसार हो ।
सृजन अपने हाथों से करके
अदभुत आनन्द की अनुभूति पाते हैं
ये शिल्पी! ये सृजन तेरा
संसार में नाम कर जाते हैं ।
हम स्वयं ही अपना मित्र हैं
हम स्वयं ही अपना शत्रु
अपने उत्थान की, अपने पतन की
उज्ज्वल जीवन की, अंधकार भरी राह की
आशा या निराशा भरी जीवन की
हम स्वयं ही जिम्मेवार हैं।
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