Motivational Poem In hindi
हार नहीं माना
haar nahi maana
मन से जो गतिमान है
धरती से जिसे प्यार है
भेद-भाव भूला कर जो बढ़ता गया
उसी को मनचाहा संसार मिला है।
मन, वचन, कर्म से किया समर्पण
मेहनत और श्रम से प्यार किया है
लक्ष्य पाने के लिये
खुद को बार-बार तैयार किया है ॥
पथरीली राहों पर चलकर
आज सपनों को आयाम मिला है
असफल होकर भी हार नहीं माना
तो जीत का सम्मान मिला है।
उठो, लड़ो उससे
जिससे तुझे हार मिली है
मन से, तन से और आत्मविश्वास से लड़ो
जिससे तुझे हार मिली है॥
कष्टों में भी कदम न रुके
अब अपनी हिम्मत दिखाना है
हारे हुए राही हर तरफ दिखेंगे
उन्हे फिर से चलना सिखाना है||
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