Jul 25, 2016

Motivational Poem In Hindi आखिर क्या तलाशते हो aakhir kya talaste ho?


Motivational Poem In Hindi

आखिर क्या तलाशते हो 

aakhir kya talaste ho?

मुट्ठी भर (थोड़ी सी) नींद लेकर 
सुबह से रात तक परेशान रहते हो 
आखिर क्या तलाशते हो 
कभी सोचा है ?

मंजिल कुछ भी क्यों न हो 
या चाहत पर्वत से ऊँचा क्यों न हो 
उसे पाना है 
उसे पाने की शिद्दत में कुछ खोना नहीं , 
हर छोटी बड़ी खुशियों को भी जोड़ना है

सपने संजोकर मंजिल की चाहत में 
लोग भूल जाते हैं हर दिन की छोटी छोटी खुशियां 
अगर उसे पा लेते तो सफर आसान हो जाता 
मंजिल पर पहुँचने की गति तूफान सा हो जाता ॥   

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