Jun 26, 2016

Poem In Hindi - सोच कर यह अटल हो जाओ - Soch kar Yeh atal ho jaoo

Poem  In Hindi 

सोच कर यह अटल हो जाओ  

Soch kar Yeh ataal ho jaoo 


थक कर बैठ गया 
तू  राही
या हार कर टूट गया 
मेरे साथी 
सवाल उठ रहा है आज फिर

अगर थक गया तो 
विश्राम है 
और हार गया तो
शाम है 

एक तरफ विश्राम है
एक तरफ शाम है 
इन दोनों के आगे 
अंधियारी रात है 

होगे अगर विश्राम में 
तो सुबह उठ कर चल दोगे 
अगर हुई होगी हार 
तो रात ख़ामोशी से काट दोगे 

लेकिन सोचो, 
पुनः सवेरा होगा

तब हार की मातम मत मनाना 
सोच कर यह अटल हो जाओ 
अगर सैकड़ों बार भी हार होगी 
पुनः जीत तो आएगी ही 

आँखें खोलो,
निराशा भरी रात नहीं 
आशा भरी सुबह की किरण  
         बांहे फैलाये तुझे बुला रही।।          

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