Poem In Hindi
सोच कर यह अटल हो जाओ
Soch kar Yeh ataal ho jaoo
थक कर बैठ गया
तू राही
या हार कर टूट गया
मेरे साथी
सवाल उठ रहा है आज फिर
अगर थक गया तो
विश्राम है
और हार गया तो
शाम है
एक तरफ विश्राम है
एक तरफ शाम है
इन दोनों के आगे
अंधियारी रात है
होगे अगर विश्राम में
तो सुबह उठ कर चल दोगे
अगर हुई होगी हार
तो रात ख़ामोशी से काट दोगे
लेकिन सोचो,
पुनः सवेरा होगा
तब हार की मातम मत मनाना
सोच कर यह अटल हो जाओ
अगर सैकड़ों बार भी हार होगी
पुनः जीत तो आएगी ही
आँखें खोलो,
निराशा भरी रात नहीं
आशा भरी सुबह की किरण
बांहे फैलाये तुझे बुला रही।।
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