Motivational Poem in Hindi
बीते हुए दिन
Bitey huey Din
बीते हुए दिन
कटे जैसे-तैसे
अमूल्य समय बर्बाद हुआ
लक्ष्य की पावनता
जब सामने आया
हर पल अब आबाद हुआ
महका है सपनों का मधुवन
संकल्प है
ढृढ़ इच्छा की शक्ति
निराशा के बादल छंटे हैं तब
जब कदम बढ़े हैं
लक्ष्य की तरफ
हरी-भरी आशाओं के पते
हवा से हिल-डुल कर
गीत जीवन के सुनाते हैं.........
शीतल-शीतल छाया भी हो
ऊंचाई मे बढ़ने की चाहत भी हो
सफलता की सीमा पर
थिरक रहे हैं मन और प्राण
लक्ष्य को भेदने की गाथा
बनेगी अपनी आन और शान
इंसानों की मेहनत से
हर पल बदल रही दुनियां सारी
अगर हम भी इससे जुड़ जायें
बदल जायेगी दुनियां हमारी, दुनियां हमारी, दुनियां हमारी ॥
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