Jun 27, 2016

Poem in Hindi अंग-अंग फड़क जाये Ang - ang fedak jaye


Poem in Hindi 

अंग-अंग फड़क जाये

Ang - ang fedak jaye



 ऐसा कोई गीत सुना दो 
मन उमंग से भर जाये 
ऐसा कोई राग सुना दो 
अंग फड़क फड़क जाये 
ऐसा कोई दीप जला दो 
जिसकी लौ राह दिखलाये

 ऐसा कोई गीत सुना दो 
मन उमंग से भर जाये 

हर दिल में किसी की चाहत है 
हर मन में किसी की तमन्ना 
सभी को मंजिल पाने की ललक है
आँखों में यही है सपना
आज कोई राग सुना दो 
अंग-अंग  फड़क जाये अपना

 ऐसा कोई गीत सुना दो 
जीत की बन जाये भावना 

उमंग के साथ चलता गया 
हर शख्स से प्यार पाता गया 
आ जाये तूफान फिर भी मुझे क्या 
जीवन के हर सफर में नाव खेता ही गया

ऐसा गीत सुना हूँ ओ साथी
 जीत कर भी झुकना सीख गया
  ऐसा कोई गीत सुना दो ओ साथी........ । 


  

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