Hindi Poem
नाम और पहचान
सपने बुनते हैं
जब तक वे दिखते नहीं
सपने ही कहलाते है
सपने बन कर मंजिल
हमें तराशते हैं
छांटते हैं
और एक व्यक्तित्व का
निर्माण करते हैं
जो बन कर पहचान
इस धरा पर जीवन भर
संग-संग चलते हैं
माता -पिता ने नाम दिया
कर्म ने पहचान दिया
उन्होंने जीवन दिया
जीवन ने कर्म से सम्मान लिया।
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