Hindi Poem
प्रेम की थपकी देकर
Prem ki thapki dekar
ये जग सुन्दर उपवन
तू है प्यार का किनारा
खिले है सारे जहाँ के सुमन
उसमें तू है सबसे
प्यारा.....सबसे प्यारा |
बसा है प्यार जहाँ सारा
वह तुम ही हो हमारा
गीत की सरगम बन कर
प्यार का राग सुनाती है
प्रेम की थपकी देकर
मेरे जीवन से जुड़ जाती है.......
जुड़ जाती है |
बसा है प्यार जहाँ सारा
वह तुम ही हो हमारा
जीवन के हर पन्नों में
तू हीं तू नजर आते हो
अपनी हर अभिलाषा में
मेरी ही खुशियाँ लाते हो
बसा है प्यार जहाँ सारा
वह तुम ही हो हमारा
बिन तेरे अब क्या जीना
संग – संग तेरे रहना है
महक हो फूलों की
तेरे प्यार में जीना
है.......... तेरे प्यार में जीना है |
बसा है प्यार जहाँ सारा
वह तुम ही हो हमारा
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