मन के आँगन में
दूर कहीं देखा है तुझको
प्यार के रंग में सिमटे हुए
लिखा है तुझको ख़त प्यार भरा
फूलों से लिपटे हुए |
रंग बिरंगे, झिलमिल-झिलमिल
मन के आँगन में हैं उमंगे
है इंतजार तुम्हारा
होगें सपने अब अपने ||
दूर बहुत ही दूरी है
अपनी मंजिल और ये राहें
रंगों की होगी फूलहार
पायेंगें हम अपनी मंजिल |
देखुंगा तुझको
रंगों में इठलाते हुए
आसमान पे छाएंगे
दूर बहुत ही दूर
प्यार के गीत गाते हुए ||
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