ये जिन्दगी.......विश्वास करो
ये जिन्दगी !
अगर कभी ठहर जाएगी तू
आँखों में आंसू लाएगी तू
टूटेगा दुखों का पहाड़ सिर
पे अगर
सभी छोड़ देंगे साथ.........
मगर..............ये जिन्दगी
!
मन से हार मानूंगा नहीं
पोंछ कर अपने हाथों से आंसू
जीत की ज्वाला जला कर
सभी दुखों को राख कर दूंगा
|
ये जिन्दगी........
मन में संकल्प,
और जीतने की उमंग लेकर
कमजोर से महान बनने का सफर
हर युग में कितनों ने की है,
फिर आज हमें कौन रोक देगा
||
ये जिन्दगी.......
विश्वास करो,
मैं पीछे छुट गया हूँ, टूटा
नहीं हूँ
हौसला वही है, रंग वही है
आंसू नहीं, जीतने की उमंग
वही है
और मन में जीत...... और जीत.......बस
जीत है
मन से हार..........हार है,
मन से जीत...............जीत है ||
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