Apr 29, 2016

प्रत्येक सुबह प्रकृति हमारी झोली में-Poem In Hindi



प्रत्येक सुबहप्रकृति हमारी झोली में



यह कहने से काम नहीं चलता
कि समय कहाँ है ?
आज हर कोई यही कहता है
हमारे पास समय नहीं है |

पर सच तो यही है की
हर किसी के पास
समय रहता है |

प्रत्येक सुबह
प्रकृति हमारी झोली में
चौबीस घंटे डाल देती है |

है यह हम पर की
उपयोग इसका कैसे करें |

आठ घंटा सोने में
बारह घंटा जीविका जुटाने में
एक घंटा परिवार, एक घंटा मनोरंजन का संसार |

बच गए अब दो घंटे
इसी में कुछ तो रचना होगा
आत्म-उन्नति के लिए
कुछ तो करना होगा |


 किसी ने ठीक ही कहा है
सफल और असफल व्यक्ति में
‘मेरे पास समय नहीं था’
मात्र यही पाँच शब्दों का
अन्तर होता है |

कर्मठ व्यक्ति अपने दृढ़ निश्चय से
सृजनात्मक कार्य के लिए
एक-दो घंटे निकाल ही लेता है |

हर व्यक्ति ऐसा कर सकता है |
हाँ आलसी अपवाद होते हैं ||



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