Apr 5, 2016

किरणें सूरज की आ रही-Kirne suraj ki aa rahi







Hindi  Poem - Lyrics - किरणें सूरज की आ रही


किरणें सूरज की आ रही
चिड़ियाँ चहचहा रही 
नौजवां, तुझे जगा रही। 

तुम्हारी उज्ज्वल सोच ही कण-कण को जोड़ेगी 
विकास की बाधाऔ को तोड़ेंगी 
भारत के जन-गण-मन को
एक में पिरोयेगी

 किरणें सूरज की आ रही
राग मानवता के गा रही 
वंदे मातरम सुना रही
नौजवां, तुझे जगा रही।

उठो-जागो-नौजवां, विवेकानन्द की वाणी है 
अरमां बुनने की राह सुहानी है 
झुको नहीं, रुको नहीं - सफलता की 
यही कहानी है

 किरणें सूरज की आ रही
चिड़ियाँ चहचहा रही 
नौजवां, तुझे जगा रही।। 



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