Hindi Poem - Lyrics - किरणें सूरज की आ रही
किरणें सूरज की आ रही
चिड़ियाँ चहचहा रही
नौजवां, तुझे जगा रही।
तुम्हारी उज्ज्वल सोच ही कण-कण को जोड़ेगी
विकास की बाधाऔ को तोड़ेंगी
भारत के जन-गण-मन को
एक में पिरोयेगी
किरणें सूरज की आ रही
राग मानवता के गा रही
वंदे मातरम सुना रही
नौजवां, तुझे जगा रही।
उठो-जागो-नौजवां, विवेकानन्द की वाणी है
अरमां बुनने की राह सुहानी है
झुको नहीं, रुको नहीं - सफलता की
यही कहानी है
किरणें सूरज की आ रही
चिड़ियाँ चहचहा रही
नौजवां, तुझे जगा रही।।
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