जीवन का सपना क्या होता है प्यार
बढ़े चलो रह पे अपनी जानता है दिल मेरा
मंजिल नजदीक आयेगा | किसलिए मैं जलता हूँ
पास
मेरे वो नहीं
मत खोओ धीरज अपना जिसपे दिल ही दिल मरता हूँ||
पूरा होगा जीवन का सपना आग प्यार की लग गई है
अब सृजन की बात करें प्यार में हम डूब गए
दृढ़ निश्चय का ध्यान धरें
|| तेरे आने के रस्ते में
नजर झुकायें बैठ गए ||
जीवन पथ पर राही बन कर आई
तुम, नजरे भी चार हुई
कौन किसे राह बतायेगा पहचान
कर भी अंजान बनी
प्रेम मिटाया कटुता ने तुम अपने रस्ते गई
स्वार्थी बन कर रह जायेगा
|| मेरी जान, मेरी जान गई |
दिल तोड़ा जिस बेदर्दी से
तूने
मत भूलो राह अपनी इसका अनुमान नहीं था
मंजिल तुम्हारी क्या है ? टूटे दिल को ढोने का
अपने इस नाजुक पल में अपना कोई अरमान नहीं था ||
लगन तुम्हारी क्या है ? हर इंसान करता है
जीवन में प्यार
लक्ष्य पाना है इस तपन में तुम
भी करोगे
नमन कर उठी दृष्टि गगन में इकरार,
इक प्यार
इन शक्तियों से समझ में आएगा
आशीर्वाद पाएगा | क्या होता है प्यार
बढ़े चलो रह पे अपनी टूटे दिल से
मंजिल नजदीक आयेगा || होती
नहीं कोई आवाज ||
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