घबराना छोड़ें तभी सफलता मिलेगी
वास्तव में घबराहट किसी कार्य के संपन्न न होने की आशंका से होती है| जिसके
कारण व्यक्ति के हाथ पांव कांपने लगते हैं, दिमाग गलत कार्य कराने लगता है| और उसका
बनता हुआ काम बिगड़ जाता है| इस प्रकार कह सकते हैं की घबराहट किसी कार्य के न होने
या किसी कार्य में असफल होने के डर से उत्पन्न होती है| और यह असफल होने का डर हमें अपनी मानसिक सीमाओं से होती है, जो हम
अपने लिए स्वंय ही बना लेते है|
अतः सफल होने के लिए घबराना छोड़ें| व्यर्थ के डर से भयभीत होकर जल्दबाजी करने
की जरुरत नहीं| आशावादी बनकर कार्य हाथ में लें और उसे पूरा करने पर ही दूसरा काम में
लगें, एक समय में एक काम करें-घबराहट नहीं होगी|
आप को जानकर हैरानी होगी की संसार के सफल व्यक्तियों ने भी अपनी इस कमजोरी पर
विजय पाई| आत्मविश्वास को बढ़ा कर निडर होकर ही तमाम कठिनाईयों का सामना किया जा
सकता है|
धैर्य रखकर शांत, स्थिर व प्रसन्न मन से किया गया काम इस मनोवृति से हमें
बचाता है, अगर कभी किसी कार्य के दरम्यान घबराहट होने लगे तो मन ही मन प्रण करें
की इस काम को अच्छी तरह पूरा करूँगा, चाहे कुछ भी हो जाये| और आप देखेगे की काम
पूरा हो गया| सच ही कहा गया है - डर के आगे जीत है|
No comments:
Post a Comment