How To Be Successful In Life
हमें प्रशंसा क्यों नहीं मिलती
आप दूसरों के लिए बहुत कुछ करते हैं परन्तु फिर भी आपको
प्रशंसा नहीं मिलती है?
कभी आपने सोचा है कि आखिर किन वजहों के कारण ऐसा होता है?
चलिए हम खोजते हैं इसका कारण।
अभी हम इसका कारण खोज ही रहे थे कि शेखर जी हमसे मिलने चले आये। आते ही शुरू
हो गए- क्या बताऊँ रवि, तुमसे क्या छिपाना भाई , मैं सबके लिए इतना करता हूँ
परन्तु कोई नाम नहीं लेता। अरे योगी के बेटे का कालेज में नाम लिखबा दिया। देवू की
बेटी का विवाह तय करवा दिया। लेकिन कोई यह भी नहीं कहता कि मैंने उसके लिए कुछ
किया है, मेरा अहसान मानना तो दूर की बात है। जबकि विकास को देखो, किसी के लिए कुछ नहीं करता
फिर भी लोग उसका गुणगान करते है|
अब देखिये शेखर अपने बारे में तो ठीक ही कहा
था, परन्तु विकास के लिए उसकी सोच सही नहीं है|
असल में ये दोनों, लोगों की खूब सहायता करते
हैं| मदद करने के बाद शेखर अपनी सहायता का ढोल पिटता है जबकि विकास चुप रहता है|
मतलब साफ है कि लोग उसी का गुणगान करते हैं या प्रशंसा
करते हैं जो ‘ नेकी कर कुएं में डाल ‘ वाली कहावत पर चलते हैं|
अर्थात किसी की भलाई करते समय हमें यह नहीं सोचना
होगा की बदले में क्या मिलेगा| अगर ऐसी सोच होगी तो वह भलाई नहीं व्यापार होगा| व्यापार
में एक हाथ ले एक हाथ दे - give and take की स्थिती होती है न कि यश या प्रशंसा की
प्राप्ति का|
अतः प्रशंसा व यश उन्हें ही मिलता है जो
जरूरतमंद की निःस्वार्थ सेवा या मदद करते हुए चलते चले जाते हैं|
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