बात क्या हो गयी?
छुप गया सूरज
बादलों में
शाम हो गयी ।
जलने लगी है
रोशनी
रात हो गयी ॥
तुम न आये
अब तक
बात क्या हो गयी ।
आस मुलाकात की
फिर बिखर गयी ॥
आँखों में नमी है
शायद गम मिल गयी
तुम्हारा प्यार
न मिल सका
तन्हाई मिल गयी
तुम न आये
अब तक
बात क्या हो गयी॥
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